दागी सूची में होने के फायदे
एक बड़े सरकारी बंगले में सुबह की चाय पीते और अख़बार पढ़ते एक आला अफसर राम भरोसे लाल की पत्नी बुद्धिमती देवी ने अपने पति से कहा----अजी सुनते हो, खबर है कि सरकार दागी अफसरों की सूची बना रही है. इसमें मेरे पतिदेव का नाम ज़रूर होना चाहिए .
यह सुनते ही पति को क्रोध आया और कहा----बुद्धिमती हो कर मूर्खतापूर्ण सुझाव दे रही हो. ऐसा कसे हो सकता है. क्या तुम बदनामी से नहीं डरती. सूची बनाना काम सरकार का है. मैं कसे नाम शामिल करवा सकता हूँ .
इतना सुनते ही बुद्धिमती ने काली का रूप धारण कर लिया और कहा----अजी तुम तो निरे धूर्त ही रहोगे. दागी सूची में नाम देखना चाहती हूँ मैं . इसके लिए जो भी करना पड़े करो. यह हिंदुस्तान है करोडपति लोग बी पी एल कार्ड बनवा लेते हैं दो दो चार चार बीवी रखने वाले एम् पी अपनी एक के अलावा बाकी बीवियां अंतर्ध्यान कर लेते हैं . तुम यह छोटा सा काम नहीं करवा सकते .
पति ने पूछा .....सूची तो सरकार बनाएगी. मैं क्या कर सकता हूँ और उसमें नाम आ जाने से नुकसान और बदनामी मिलेगी, फायदा क्या होगा . इस पर पत्नी ने उत्तर दिया ---अब मुझे विश्वास हो गया कि मेरी सास तुम्हें गोबर गणेश क्यों कहती थी. मेरे प्राणपति रिश्वत की इतनी रकम छिपा रखी है. सूची बनाने वाले अफसर को दो तीन पेटी और सोने की ईंट दिखाना और झट में अपना काम करा लेना. समझे.
पति ने सहमति में गर्दन हिलाई और गुमसुम हो कर चिंतन, मनन की मुद्रा में बैठ गया. कई मिनट की ख़ामोशी के बाद बोला ठीक है मानता हूँ, काम हो जायेगा, मगर फायदे क्या होंगे. पत्नी ने जवाब दिया-----लगता है अब मिटटी के माधो के दिमाग से मिटटी की परतें हट रहीं हैं. पतिदेव फायदे ही फायदे हैं. एक नहीं अनेक फायदे हैं. दागी बनते ही नामी गिरामी बन जाओगे. सारा देश जान जायेगा श्रीमान राम भरोसे लाल को. बस इसके बाद सफेदपोश बन जाना , नेताओं जैसी ड्रेस डालना. भ्रष्टाचार विरोधी धरने, प्रदर्शन में शामिल होना. जब तक नौकरी कमाऊ हो , करते रहना. उसके बाद नैतिक आधार पर इस्तीफा देकर समाजसेवी बन जाना . अख़बारों में ख़बरें छपवाना . बहुत नाम होगा. दागी होने के बाद हमारी जायदाद लोगों को पता चलेगी, अभी तक तो हमें भी नहीं मालूम कि कितनी है. मालदार साबित हो जाओगे तो बच्चों को बड़े बड़े सरमायेदारों के घर से रिश्ते मिलेंगे. बस क्या है दो चार धरने, प्रदर्शनों में गांधीगिरी करने वाले नेताओं के साथ फोटो छपेंगी तो पोलिटिक्स के दरवाजे खुल जायेंगे . टिकट लेकर चुनाव जीते तो सोने की ईंट दिखाकर मंत्री बनोगे. फिर क्या पोलिटिक्स में आने का हमारे चुन्नू और चिंटी का रास्ता भी खुल जायेगा .
पति सचमुच ख्याली पुलाव के स्वाद में खो गया और बोला ----मैडम सफ़ेद कपडे से क्या सब छिप जायेगा और अगर दाव उल्टा पड़ा तो जेल होगी
पत्नी-----मेरे पतिदेव सफ़ेद में सब ढक जाता है. दूध का धुला हो जाता है आदमी. दूध में कितना यूरिया होता है, क्या दिखता है, और जेल की तो बात ही मत करो. हजारों दागियो में से कोई एक फसता है और जेल जाता है, कोई चिंता मत करो. याद रखो मेरा भाई चुस्ती लाल बड़ा वकील है और तुम्हारा नाम है राम भरोसे .
1 टिप्पणियाँ:
आपका व्यंग्य आज के माहोल पर खरा उतरता है. समाज में इस तरह का माहोल लोकतंत्र के लिए घाती है. पर क्या करे लोकतंत्र में आये विकारों को दूर करने के लिए रचनात्मक पहल क़ि कमी है.
आँख खोलने वाले आपके व्यंग्य के लिए बधाई.
राजेंद्र प्रसाद
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