चुनाव जंगल में

लगता है चुनाव सभ्यता में नहीं जंगल में होते हैं तभी तो एक नेता दूसरे को चूहा और एक अन्य नेता किसी एक नेता को मेंडक कहता है । इतना ही नहीं हरेक नेता अपने को तो शेर कहता है मगर दूसरों को बन्दर, गधा, लोमडी, लंगूर और कुत्ता कहते हुए कह देता है कि ये तो बस बक बक ही कर सकता है। मुझे एक चुनाव याद है जब देश की एक सबसे बड़ी नेता दक्षिण में चिकमगलूर से उम्मीदवार थीं तो उनके ख़िलाफ़ सारा विपक्ष एकजुट हो गया था और इस बड़ी नेता को तरह तरह से बदनाम किया जाने लगा तो इस बड़ी नेता के समर्थकों ने एक नारा दिया, चिकमंगलूर चिकमंगलूर , एक लोमडी सौ लंगूर ।
इस से लगता है , सभी नेता चुनाव को जंगल का दंगल समझते हैं और एक दूसरे को पशुओं का नाम देते हैं तभी तो चुने जाने के बाद सदन को जंगल का अखाडा और ख़ुद को जानवर जैसा प्रर्दशित करते हैं।

1 टिप्पणियाँ:

Gazab ka likha hai aapne sir. Regards Nishant

 

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