आधी से भी आध

एक घडी , आधी घडी, आधी से भी आध . जी हाँ , अब आधी घडी या फिर उससे भी आधे पल के महत्व का असर दिखाई दे रहा है. कम्पीटीशन
यानि स्पर्धा के इस दौर में महसूस किया जा रहा है कि अपने व्यापार का दायरा बढाने के लिए वक्त को किस तरह आधार बनाया जा सकता है . बाज़ार पर कब्ज़ा करने के लिए इन दिनों फोन कम्पनियों के बीच अनूठी जंग जारी है . इस जंग में निजी और सरकारी कम्पनिया
शामिल हैं . बहरहाल , फायदा तो ग्राहक को यानि आम आदमी को हो रहा है . एक कंपनी ने एक मिनट की दर पर एस टी डी और लोकल फोन सेवा देने की घोषणा की तो दूसरी कंपनी ने लगभग उतनी ही राशि में प्रति सेकण्ड की दर पर सेवा देने का एलान कर दिया , तीसरी कंपनी ने आधे सेकण्ड की दर पर सेवा की पेशकश कर दी. कुल मिला कर दरों में कोई ज्यादा फर्क नहीं रहा मगर ग्राहकों को एक फायदा तो हुआ कि कभी तीन मिनट की काल पर एक सेकण्ड ज्यादा होने पर छः मिनट का भुगतान करना होता था या फिर एक मिनट की पल्स होने की स्थिति में दो सेकण्ड ज्यादा होने पर दो मिनट की रकम देनी पड़ती थी अब सेकण्ड
या आधा सेकण्ड की दर होने पर उन्हें वास्तविक समय के अनुसार शुल्क देना होगा . कहते है , स्पर्धा में उपभोक्ता को फायदा होता है और यह हो रहा है. ये गला काट स्पर्धा कहाँ तक जाएगी , इसका अंदाज़ा नहीं लगाया जा सकता. बहरहाल, आम आदमी प्रसन्न है . समय पर आधारित शुल्क या फिर वास्तविक मात्र के उपभोग पर आधारित बिल की व्यवस्था अन्य क्षेत्रों में भी संभव है . कुछ वर्ष पहले दिल्ली के कनाट प्लेस में एक रेस्तरां में लंच डिनर करने के लिए प्लेट के हिसाब से सब्जी की बिक्री के बजाय ज़रुरत के हिसाब से ग्राम की दर पर सब्जी दिए जाने की शुरुआत की गयी . इससे लोगों को फायदा हुआ . लोगों ने २०० रुपये की एक प्लेट लेने के बजाय २५-२५ ग्राम वज़न में तीन सब्जियों का स्वाद लिया और सस्ते में भोजन भी . पार्लर में पैकज के दाम के बजाय अगर मिनट और सेकण्ड की दर पर चार्ज किया जाए तो बहुत कम खर्च में सेवा मिल सकेगी .
इस तरह का आधार होटलों में भी अपनाया जा सकता है . ज़रुरत केवल इतनी है कि एक शुरुआत तो की जाए . शुरुआत होने पर लोग भी इस व्यवस्था को पसंद करेंगे . वैसे तो बिजली विभाग भी पीक समय औए गैर पीक समय , रात , आधी रात, तडके और तपती दोपहरी के समय के अनुसार प्रति यूनिट चार्ज करने पर विचार करता रहा है . बहरहाल , वक्त की नजाकत और चाल को समझाना ज़रूरी है . एक घडी, आधी घडी , आधी से आध . वक्त बड़ा बलवान है , इसको रखना याद .

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