मेट्रो की हेरिटेज लाइन


कहते हैं- देर आयद दुरुस्त आयद, जिसका काफी महीनों से था इंतजार, उसका जमीं के नीचे हो गया दीदार। जी हां शाहजहां के बसाये शाहजहांनाबाद में अब बने तहखानों में इस ऐतिहासिक शहर का दिल धड़का तो यूं लगा जैसे पुराने शहर को लगा 21वीं सदी का रौबदार तड़का। वक्त बदलता है, शहर आगे बढ़ता है, नयेपन का जादू चढ़ता है, जमाना चलता है। एसे में दिल्ली गेट से कश्मीरी गेट के बीच दिल्ली मेट्रो के अंडर ग्राउंड रूट का पर्दा हटना, ऐसा लगा कि जैसे पुराने शहर को ताजा तरीन महकती हवा और एक नायाब  तोहफा मिल गया हो। कहने को महज स्टेशन हैं चार मगर इससे फायदे हैं हजार। दिल्ली गेट, जामा मस्जिद, लाल किला और कश्मीरी गेट का जितना रिश्ता दिल्ली के एक करोड़ 87 लाख लोगों के साथ है उससे भी ज्यादा संबंध इतिहास और आजादी के संघर्ष के साथ भी है। इन स्टेशनों के पास से गुजरते और भीतर जाते ही आपको  पुरानी दिल्ली के धड़कते दिल और उसकी कहानी पर से पर्दा हटता महसूस होगा और आपकी नजरों के आगे इतिहास की घटनायें फिर जवान हो कर आपसे एकाकार करने लगेंगी। मेट्रो की हेरिटेज लाइन पर सफर करने के मायने होंगे कि आपने जाने अनजाने दिल्ली के कई सौ साल की हलचल को अपनी आंखों से पढ़ना, देखना और समझना शुरू कर दिया है। अतीत के गौरव और वर्तमान के सत्य तथा भविष्य के सपनों का तिरंगा आपके दिलो दिमाग पर लहरायेगा, दिल्ली की बीते दिनों की करवटों का आभास करायेगा और आपको सफर के झटकों के बगैर मेट्रो के टशन के लटकों के उल्लास से भी रूबरू करवायेगा। इस लाइन के खुल जाने से इतिहास का द्वार खुल गया है और दिल्ली दरबार के अलग थलग रहने वाले मुखिया को भी केन्द्र सरकार के एक अहम वजीर के साथ बैठकर राजधानी के हित में कुछ करने का मतलब समझ आया होगा। नयी हेरिटेज लाइन ने भूमिगत रास्ते से पुरानी दिल्ली की बादशाहत के मरकज लाल किले को नयी दिल्ली के मंडी हाउस तथा जनपथ और अब के राष्ट्राध्यक्ष के भवन एवं  दिल्ली विश्वविद्यालय के साथ सीधे जोड़ दिया है। इसके अलावा कश्मीरी गेट स्टेशन पर तीन लाइनों का संगम और लाइन बदलने का बड़ा जंक्शन बना दिया है। अब शाहजहांनाबाद के बाजार गुलजार होंगे, सड़कों पर भीड़ कम होगी तो पर्यटक अधिक आयेंगे, स्मारकों के संरक्षण के काम की जरूरत महसूस की जायेगी और शाहजहां की दिल्ली बिना किसी रोक टोक के नये जमाने का आलिंगन कर नवाचार को अपनाते हुये गालिब और जफर के अशआर बार बार लगातार सुनायेगी।


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