दिल्ली,देश,दुनिया---सत पाल 18.07.2017
भगवान बचाए
दिल्ली की सड़कें दिन रात, चौबीसों घंटे अलग अलग किस्म के बेलगाम वाहनों से लबालब, खतरों के साये में घिरी, दुर्घटना, अनहोनी से आशंकित, चालकों के लिये चुनौती, पैदलचालकों के लिये मौत का कुंआ और घर पर इंतजार कर रहे परिजनों के लिये लिये भारी, लाचारी और बेबसी का सबब बनी रहती हैं। चालक और पैदलचालक जब घर से निकलते हैं तो उन्हें केवल भगवान का भरोसा होता है। वे मानते हैं कि जिसने जीवन दिया है वही रक्षा करेगा। यह सही है कि राजधानी में वाहनों की संख्या दिनबदिन तेजी से बढ़ती जा रही है, इसके अलावा दिल्ली में चालकों की आदत बन गयी है कि यातायात नियमों को नये नये तरीकों से धत्ता बता कर, जान हथेली पर रख के बेधड़क बादशाह बनते हुये अपनी शेखी बघारें। न जान की चिंता है न परिवार से कोई लगाव, हम राज करें सड़कों पर, भले हो जाये सब तबाह। कुछ भी हो एसे लोग भी मरने से डरते हैं मगर अपनी दौलत, दबंगई, अकड़ और रुतबे तथा मदहोश जवानी के बल पर निडर हो कर नियमों का उल्लंघन करते हैं। ये लोग मरने के डर को मीलों दूर रखने के लिये देवी, देवताओं और गुरुओं की तस्वीर और छोटी छोटी सुंदर मूरत वाहन के डैश बोर्ड पर लगाते हैं। देखा गया है कि एसी तस्वीर और मूरत उन्हें दुर्घटना और मौत से नहीं बचा पाती और उनकी तकदीर और सूरत पर रत्ती भर भी रहम नहीं करती। अब ऐसे चालकों को बचाने के लिये देवी, देवताओं और गुरुओं की ऐसी तस्वीरें और मूरत बनायी गयीं हैं जो खतरे के समय चालकों से संभलने, सावधान रहने और जान बचाने की कोशिश करने का  ऑटोमेटिक स्पष्ट संदेश बोल कर देतीं हैं। जी हां एक कंपनी ने ऐसी मूर्तियां बनायी हैं जो स्पीड का उल्लंघन करने पर बोल कर हिदायत देती हैं क्योंकि वाहन के डैश बोर्ड पर विराजमान मूर्तियों की एक तार स्पीडो मीटर तक जुड़ी रहती हैं और खतरे के समय चालकों को सावधान हो कर जान बचाने को मजबूर कर देती हैं। चालक अपनी श्रद्धा और आस्था के अनुरूप गणपति, शिव शंकर, श्री राम, कृष्ण भगवान, बाबा नानक, यीशू मसीह, काली माता, सरस्वती मां, वैष्णो देवी की मूरत अपने वाहन में प्रतिष्ठापित कर रहे हैं। उनका विश्वास है कि उनकी आस्था की मूरत हर खतरे में उन्हें सुरक्षित बनाये रखेगी। आखिर भगवान ही उनका आसरा बना हुआ है।
गंगा और तिरंगा
कवि कुमार विश्वास की कविता है- दिल में गंगा हो हाथों में तिरंगा हो। ऐसा तभी हो सकता है जब सांसें गिन रही पवित्र गंगा को जीवन देने के लिये एनजीटी के निर्देशों का पूरी तरह सभी पक्ष पालन करें और गंगा को दूषित, प्रदूषित नहीं करें। इसी तरह तिरंगे की आन, बान, शान तभी बढ़ेगी जब निर्लज्ज, बिगड़ैल,उद्दंड,धूर्त गऊ भक्तों पर पूरी तरह लगाम लगे और उनका पुख्ता इलाज किया जाये।
महिला रहित द्वीप
यूनेस्को ने जापान के एक ऐसे द्वीप को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया है जहां किसी भी महिला का आना वर्जित है। यहां हर साल एक बार मंदिर में पूजा के लिये  200 पुरुषों को  केवल दो घंटे के लिये आने की अनुमति दी जाती है। पुरुषों के लिये निर्वस्त्र हो कर समुद्र में स्नान कर के मंदिर में जाने की शर्त है। ओकिनोशिमा द्वीप में मंदिर में केवल एक पुजारी रहता है। इस सुंदर द्वीप के पर्यावरण को बचाने के लिये अब पर्यटकों के आने पर पाबंदी लगा दी गयी है।   
 


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