दिल्ली, देश , दुनिया- सत पाल
दिल्ली में सिरसा
देश की राजधानी दिल्ली में भी सिरसा जैसा आश्रम पाये जाने पर राष्ट्रीय राजधानी में लोगों में चिंता का आलम बना है। यह चिंता वाजिब है, ऐसी ही चिंता सरकार और पुलिस में भी दिखायी देनी चाहिये ताकि ऐसी घटना दुबारा न होने का भरोसा कायम हो वरना लोगों का व्यवस्था पर से विश्वास समाप्त हो जायेगा। कोई सिरफिरा आपराधिक किस्म का आदमी अपने आप को भगवान राम , शिव शंकर और परमात्मा कहे और कमसिन लड़कियों से अपनी पूजा करने और तन, मन, धन सब समर्पित करने को कह कर देश भर में 80 से अधिक आश्रमों में 16 हजार रानियों के साथ रास लीला करने का खुल्लमखुला संकल्प लेता दिखे तब भी अगर समाज के ठेकेदार और सरकार के तारनहार नहीं जागें तो कहा जायेगा कि हमारे देश की किस्मत खराब है। बिल्कुल सिरसा के डेरा सच्चा सौदा की तरह दिल्ली के एक कथित आध्यात्मिक  आश्रम में हवस के बेहया खेल की खबरें पढ़ कर किसी भी संवेदनशील आदमी को मानसिक आघात पहुंच सकता है।  एक सवाल हम सभी अपने दिलो दिमाग से करें कि आखिर मां बाप क्यों अपनी लड़कियों को अपने कौन से सुनहरे भविष्य की कामना करते हुये अपने कथित गुरु या भगवान के पास भेजते हैं और उन्हें वहां छोड़ कर उनके बर्बाद होने की परवाह किये बगैर बेफिक्र हो कर सो जाते हैं। कई कई साल तक अपने बच्चों का अता पता लेने नहीं आते। वह कथित भगवान एक बार न जाने कौन सी उत्तेजक दवा ले कर एक साथ दर्जन भर बालिकाओं का जीवन नरक बना देता है फिर भी समाज के ठेकेदार उस कथित भगवान का गुणगान करते नहीं थकते। ऐसे आश्रम दौलत के भंडार और एक किस्म की टकसाल बन कर शायद उन सभी लोगों की किसी न किसी तरह संकट के समय मदद करते होंगे, तभी तो शायद समाज के कथित रखवाले ऐसे आश्रमों की गतिविधियों पर से नजर अलग कर लेते हैं। आखिर कब तक ऐसा काला गोरख धंधा चलता रहेगा और बालिकाऐं और महिलाऐं ऐसे धर्म के ठेकेदारों के चंगुल में फंस कर अपनी जिंदगी तबाह करती रहेंगी और सब कुछ लुटा देने के बाद भी उस कथित भगवान को अपना परवरदिगार मानती रहेंगी।
श्मशान में एनीवर्सरी
हमारे देश में अब भी  तरह तरह के अंध विश्वास कायम हैं । क्या कोई अपनी शादी की सालगिरह श्मशान में जा कर आधी रात को मनाना पसंद करेगा, निस्संदेह आप का जवाब नहीं में होगा। महाराष्ट्र के शोलापुर के एक दम्पत्ति ने भूत प्रेत का डर समाप्त करने के लिये अपने सभी मित्रों और रिश्तेदारों  को बुला कर न केवल श्मशान में  केक काट कर शादी की 20वीं सालगिरह मनायी अपितु एक बड़ा भोज भी दिया। ये नहीं मालूम कि उनके भूत वाला डर गया कि नहीं। डर आसानी से तो नहीं जाता, कहीं और किसी अंध विश्वास में न फंस जायें ये जनाब।
शादी की ड्रैस
विदेशों में शादी के समय दुल्हन की सफेद रंग की लंबी ड्रैस बनवाने का रिवाज है। एक  दुल्हन ने अपने लिये 8 किलो मीटर लंबी ड्रैस बनवाई तो उसे चलने फिरने में तकलीफ होने लगी तो उसके लिये भी कुछ ऐसे लोग किराये पर लाने पड़े जैसे कई दशक पहले नवाबों और राजा महाराजाओं की लंबी चौड़ी पोशाक को उनके पीछे से उठा कर चला करते थे। कैसा लगा होगा दूल्हे को ये सब देखते हुये। जरा साचिये। 

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