दिल्ली,देश,दुनिया---सत पाल
धर्म नगरी
देश की राजधानी दिल्ली कुछ दिन से तेजी से धर्म नगरी बनती जा रही है। भगवान कृष्ण ने कहा था जब जब अधर्म, अन्याय बढ़ेगा तब धर्म का प्रभाव बलवान होगा। अभी दिल्ली में इतना अधर्म और अन्याय तो नहीं बढ़ा कि भगवान श्रीकृष्ण को धर्म का दायरा बढ़ाने के निर्देश देने पड़े मगर यह भी साफ दिख रहा है कि धार्मिक गतिविधियां तेजी से बढ़ रही हैं । कहीं कौरवों तथा पांडवों के बीच होने वाले महाभारत की पटकथा लिखी जा रही है। जंग की बात की जा रही है न कि शांति की। नवरात्र के दिनों में माता के नौ स्वरूपों की श्रद्धा और उल्लास से पूजा अर्चना करने के लिये मंदिर गुलजार हैं और पंडाल सजे हुये हैं। उधर लाल किला मैदान में भी लगता है किसी जवाबी पटकथा के तहत ऱाष्ट्र ऱक्षा यज्ञ शुरू कर दिया गया है। दिल्ली का दिल बदले या नहीं बदले राजधानी का मंजर यानी दृश्य तो बदल रहा है। राष्ट्र की रक्षा को खतरा तो सीमाओं पर है जहां प्रतिदिन गोले चलाये जा रहे है, भारतीय परिवारों का जीना हराम हो रहा है, क्यों न ऐसा रक्षा यज्ञ सीमाओं पर किया जाये ताकि वहां सद्भाव का माहौल बने और दुश्मनी के वातावरण का बिस्तर गोल मिले। दिल्ली के यज्ञ की बात करें तो 25 मार्च तक चलने वाले 108 कुंडीय राष्ट्र रक्षा महायज्ञ की पूरे एन सी आर क्षेत्र में चर्चा है। कहते हैं इस यज्ञ में ढाई करोड़ मंत्रों का जाप किया जायेगा । एक हजार एक सौ ब्राह्मण यज्ञ की कमान संभालेंगे । सभी धार्मिक लोगों को प्रेरणा देने और धार्मिक फील देने के लिये मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की बड़ी बड़ी सुंदर मोहक तस्वीरें भी लगायीं गयी हैं। भारत माता की विशाल तस्वीर भी लगी है।  भीड़ तो बेतहाशा आयेगी क्योंकि चांदनी चौक और लाल किले के इलाके में तो कोई बिना किसी वजह से भाषण देना शुरू कर दे तो बहुत लोग जमा हो जाते हैं। यज्ञ में आई भीड़ में कितने लोगों की भारत की रक्षा के प्रति  चिंता होगी यह कहना कठिन होगा। अगर यज्ञ पर होने वाले खर्च की रकम बेसहारा बच्चों के कल्याण पर लगाई जाये तो शायद ऐसे बच्चे अपराध के दायरे में फंसने से बच सकेंगे।

रिश्वतखोर
कहते हैं ऱिश्वतखोर डरपोक और कमजोर नहीं होता मगर गुजरात में पाटन के पशु अस्पताल का एक डाक्टर दो हजार रुपये की रिश्वत ले रहा था तो उसी समय भ्रष्टाचार रोधी दस्ता आ गया। डाक्टर डर गया और उसने 2 हजार रुपये के नोट को मुंह में डाल कर अच्छी तरह चबा लिया। दस्ते को रिश्वत के सबूत के लिये वही नोट चाहिये मगर दूसरे अस्पताल के डाक्टर पेट से नोट निकालने में नाकाम हैं। लगता है कि नोट तो कचरा बन कर फ्लश में बह गया होगा।
सोने की बरसात
रूस के एक उड़ते कारगो विमान में से सोने, चांदी, प्लेटिनम आदि मंहगी धातुओं की बरसात होती रही और जब विमान के चालक दल को पता चला तो विमान को दूसरे हवाई अड्डे पर उतारा गया और देखा गया कि विमान का एक दरवाजा खुल गया था जिससे 23 हजार करोड़ रुपये मूल्य का सोना चांदी बरसात की तरह बह गया। यह विमान यकूतिया से उड़ा था। कुछ भी हो कुछ लोगों की तो चांदी हो गयी।


0 टिप्पणियाँ:

Post a Comment