दिल्ली, देश, दुनिया-सत पाल
बॉस तो बॉस
कोई माने या न माने बॉस तो बॉस होता है । बॉस सारे द्फ्तर, संगठन, संस्था, व्यापारिक प्रतिष्ठान की अच्छाई बुराई का बोझ ढोता है। बॉस सभी को दिशा देता है और सही काम करने की प्रेरणा देता है। बॉस के बिना किसी भी संगठन का हाल बेहाल हो जाता है और प्रगति का रास्ता बंद हो जाता है। बॉस नहीं होना या बॉस का इकबाल नहीं होना या बॉस का नकारा होना या फिर बॉस को काम न करने देने का केवल एक नतीजा होता है संगठन और इसके पूरे परिवार की तबाही। बॉस से कुछ कर्मचारी डरते हैं, कुछ कन्नी काटते हैं, कुछ आदर करते हैं, कुछ जलते हैं, कुछ तंज कसते हैं, कुछ साजिश करते हैं, कुछ पलीता लगाते हैं तो कुछ रास्ते में एक के बाद एक अवरोध खड़ा करते हैं और विरोध का ताना बाना बुनते हैं। बॉस का चुपके चुपके, छिप छिप के विरोध करना गुप्त नहीं रहता क्योंकि हर विपरीत कदम का प्रभाव संगठन के कामकाज पर ग्रहण लगा देता है। इसके अलावा विरोध- अवरोध खड़े करने वाले समूह में भी कुछ तो पाला बदलने वाले या कुछ लोग अपने फायदे के लिये ऐसी गतिविधियों की खबर बॉस तक पहुंचाने वाले भी होते हैं। कहीं बॉस का खुल कर घोर विरोध करने वाले कर्मचारी भी होते हैं जो सारे ऐसे काम पर्दे में नहीं करते, किसी से नहीं डरते। यह तो सही माना जाता है कि पर्दे में कोई काम न करना सदव्यवहार माना जाता है मगर बॉस की गरिमा को नुकसान पहुंचाने वाले वे भी होते हैं जो केवल बटरिंग करते हैं और वजह बेवजह बॉस को चने की झाड़ पर चढ़ाते रहते हैं। कई बार ऐसे लोग बॉस का ज्यादा नुकसान कर सकते हैं। ऐसे हालात में बॉस का संभल संभल कर चलना जरूरी हो जाता है। अगर बॉस सतर्क, सक्रिय और सजग हो तो वह हालात का मुकाबला कर सकता है लेकिन हालात तब गंभीर बन जाते हैं जब बॉस के अस्तित्व को बार बार चुनौती मिलने लगे ।
सुषमा मैरिज ब्यूरो
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जरूरतमंद गरीब और असहाय लोगों को मदद पहुंचा कर न केवल काम का आनंद ले रही हैं अपितु दुआयें भी ले रही हैं। सैंकड़ों गंभीर बीमार विदेशियों को भारत में इलाज के लिये झटपट वीजा दिलवा कर उन्हें शौहरत मिली है। अब मंत्री जी ने पाकिस्तान से लौट कर आई मूक बधिर गीता की शादी के लिये रिश्ता तलाशने के काम पर अपने विभाग के कर्मचारियों को लगा दिया है। इससे पहले सुषमा स्वराज ने गीता का उसके परिवार से मिलन कराने की बहुत कोशिशें कीं मगर उसमें कामयाबी नहीं मिली। मंत्री जी ने गीता को इंदौर में विशेष प्रशिक्षण केन्द्र में दाखिल करवाया जहां गीता जैसै दिव्यांगों को कुशल बनाया जाता है। सुना है गीता जिस वर को पसंद करेगी सरकार उसे नौकरी तथा मकान भी देगी।
जापानी सूमो रिंग में
सूमो जापान का 400 साल से अधिक पुराना और पवित्र खेल है और इसके तहत रिंग में भीमकाय पुरुष पहलवानों का मुकाबला होता है। इस रिंग में महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। अब लिंग समानता के पक्षधर रिंग में महिलाओं के प्रवेश और मुकाबलों की मांग कर रहे हैं। कहते हैं कि एक बार रिंग में एक सूमो बुरी तरह घायल हुआ था। उसे बाहर निकालने के लिये दर्शक महिलायें रिंग में घुसी थीं तो बहुत बवाल हुआ था। इस मांग का विरोध भी हो रहा है।
0 टिप्पणियाँ:
Post a Comment