दिल्ली,देश,दुनिया---सत पाल
 सारे बच गये
इस टिप्पणी का राजनीति से कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। आप सभी जानते हैं कि कई महीनों से दिल्ली में संसदीय सचिवों की नियुक्ति के बाद के घटनाक्रम और लाभ के पद को लेकर खबरों, ब्यानबाजी, तरह तरह के परिणाम के दावों तथा संभावित उठापटक, राजनीतिक दलों के ख्याली पुलावों को अलग अलग तरीके से दिल्ली तथा एनसीआर के लोगों तथा सियासत में दिलचस्पी रखने वाले पाठकों के लिये परोसने का सिलसिला चल रहा था। परोसने के इस पराक्रम में सारी राजनीतिक पार्टियां तथा राजनीति को अपने निहित स्वार्थ के बल से सही या गलत दिशा देने के इच्छुक तत्व भी शामिल थे। परोसने की दावत में खाली होने वाली सीटों के उप चुनाव के संभावित उम्मीदवारों और जीत हार के गणित के पकवान शामिल रहे। इसके अलावा उप चुनाव के इच्छुक प्रत्याशी  उम्मीदों के  मल्टी विटामिन से सक्रिय होते रहे। यह मुद्दा अखबारों, इलेक्ट्रानिक मीडिया, पत्रिकाओं, गली , चौराहों, संसद और विधान सभा के गलियारों में भी छाया रहा। इसके अलावा निर्वाचन आयोग और हाई कोर्ट में इस पर हो रहीं चर्चाओं, बहस और बहस पर आधारित अटकलों का तो लोगों ने पापड़ी और गोल गप्पे के पानी की तरह रसस्वादन किया। आखिर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले जो फैसला दिया उसे लेकर कुछ पक्षों में घोर निराशा हुई तथा कुछ में खुशियों की बहार आ गयी। खुशियों वाले आंगन में जश्न मनाये जाने पर किसा तरह की विपरीत टिप्पणी करने का किसी का कोई हक नहीं बनता। सारे बीस के बीस बच गये। इस बड़ी खबर पर जिस पक्ष को राहत मिली उसके लिये जश्न या दीवाली या होली मनाना गलत नहीं कहा जा सकता। जश्न ए बहारा की धमक और गूंज गली, कूचे, घर, आंगन, बाजार, पार्टी दफ्तर, विधान सभा आदि में दिखायी और सुनायी दी। कुछ पक्षों ने कहा कि फैसला फौरी राहत है तो अन्य पक्षों ने कहा कि अभी तो फाइनल परीक्षा होनी शेष है। कुछ भी हो जश्न मना रही दिल्ली की नयी पार्टी को पडोसी हरियाणा में जा कर दमखम दिखाने का इस फेसले ने टॉनिक दे दिया।
राम मंदिर निर्माण जारी
सचमुच राम मंदिर का तेजी से निर्माण जारी है । यह मंदिर हूबहू अयोध्या में बनाये जाने वाले राम मंदिर के डिजाइन के अनुसार बन रहा है मगर यह गुजरात के वलसाड के कोसंबा में बन रहा है। राम भक्तों को इसके भी दर्शन करने का अवसर मिलेगा। कोसंबा में अयोध्या के प्रस्तावित राम मंदिर की प्रतिकृति का 35 फीसद निर्माण हो गया है। शिलाओं की नक्काशी की जा रही है, खंभे तैयार हैं, भव्य मंदिर का पलैटफार्म तैयार है। इसे पौराणिक श्रीराम मंदिर का कायाकल्प करके बनाया जा रहा है। भगवान श्रीराम सर्वव्यापक हैं, मंदिर कहीं भी बन सकता है।
बाली में हिन्दू नववर्ष
इंदोनेशिया के बाली में हिन्दू नववर्ष पूरी आस्था, विश्वास, श्रद्धा और तल्लीनता से मनाया जाता है और इस दिन की पूजा अर्चना में कोई शोर शराबा न हो इसलिये इस दिन को – डे ऑफ साइलेंस भी माना जाता है। हजारों साल से विघ्न को दूर रखने के इंतजाम किये जाते हैं और अब इंटरनेट, टीवी, एयरपोर्ट, रेडियो, निजी तथा सरकारी परिवहन में से इस दिन शोर नहीं निकलने के कड़े निर्देष दिये जाते हैं।  इन निर्देषों का उल्लंधन करने का कोई रत्ती भर दुस्साहस नहीं करता, शांतिपूर्ण माहौल में होता है जय श्रीराम।   


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