दिल्ली,देश,दुनिया—सत पाल
उपवास उत्सव
हमारी दिल्ली जो भी काम करती है, जो भी संकल्प लेती है या जो भी करने का मन बनाती है उसे पूरी शिद्दत, हिम्म्त से करती है। उसका खूब दिखावा भी करती है ताकि सनद रहे, याद रहे।  इन दिनों किसी न किसी मुद्दे पर उपवास रखने की होड़ लगी है। दिल्ली जैसे महानगर में मुद्दे की तलाश करना कठिन नहीं है। आप कोशिश करें कोई न कोई मुद्दा तो हाथ लग जायेगा। उपवास  से ख्याति पानी है या किसी लम्बी पारी की शुरुआत करनी है तो आप कॉलोनी, दिल्ली, देश या संसार के किसी भी मुद्दे को अपना सकते है। एक दिन देश की सबसे पुरानी पार्टी के अध्यक्ष ने अपने साथियों के साथ राजधाट पर कुछ घंटों का उपवास रखा। यह वही राजधाट है जहां वह महामानव सुकून से अपनी साधना में लीन हैं जिनका राजकाज से कोई लेना देना नहीं था। अध्यक्ष महोदय दूर से आये इसलिये देर से आये मगर उन्होंने बहुत आदर, सम्मान और निष्ठा के साथ राष्ट्रपिता की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की और प्रार्थना की । यह नहीं मालूम कि उन्होंने  महात्मा से कौन सा संकल्प पूरा होने का आशीष मांगा मगर दलितों के दमन के मुद्दे पर रखे उपवास में सारगर्भित विचार रखे। अध्य़क्ष जी के कुछ प्रिय साथियों ने उपवास से पहले उस तरह भर पेट खाने चबाने की कसरत की जैसे महिलायें करवा चौथ व्रत से पहले अंधेरे में पेट पूजा कर लेती हैं। इसके बाद वर्तमान में सबसे बड़ी पार्टी ने अपने कद के अनुरूप देश भर में उपवास रखा जिसमें संसद के बैठे रहने यानी नहीं चल पाने के कारणों की निंदा की गयी। दिल्ली में कई दर्जन स्थानों पर उपवास का भव्य आयोजन हुआ, मीडिया के लिये रौनक लगी रही। दिल्ली की नयी पार्टी के संयोजक ने  घोषित उपवास नहीं रखने का फैसला किया शायद उन्हें लगा होगा कि कुछ दिन में सीलिंग का मसला अतीत बन जायेगा ।वैसे भी जुझारू नेता कहां एक जगह पर जम कर बैठ सकते हैं। देश भर में दौरा करना होता है। दिल्ली में बड़े बड़े गांधीवादी भी उपवास करते हैं। दिल्ली महिला आयोग की गंभीर अध्यक्षा दुष्कर्म के मामलों में कड़े कानून बनाने की मांग को लेकर उपवास पर हैं। उनका संकल्प नेक दिखता है, भगवान उन्हें कामयाबी दे।
गुरु का क्या होगा
क्रिकेट के धमाकेदार बल्लेबाज, लॉफ्टर शो के जानदार कलाकार और वर्तमान में  प्रदेश के मंत्री 30 साल पुराने अदालती मामले के भंवरजाल में हैं। 1988 में रोडरेज में किसी आदमी पर हाथ चलाने के बाद उसकी मौत हो जाने के गैर इरादतन हत्या के मामले में निचली अदालत ने उन्हें बरी किया था।  प्रदेश सरकार ने फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी, इस कोर्ट ने लॉफ्टर शो के बादशाह को तीन साल की सजा सुनायी।  इस के बाद  कलाकार ने सुप्रीम कोर्ट में सजा रद्द करने की अपील की। प्रदेश के सरकारी वकील ने सुप्रीम कोर्ट में सजा बरकरार रखने की राय रखी है। आगे क्या होगा खुदा जाने मगर सरकार  शायद वकील की राय से मुतफिक बतायी जा रही है।
अब फैशन शो
सउदी अरब मे औरतों के लिये पाबंदियां में धीरे धीरे ढील दी जा रही है। उन्हें कार चलाने और सिनेमा देखने की इजाजत मिलने के बाद फैशन शो में शामिल होने की भी मंजूरी दे दी गयी। देश के सबसे पहले फैशन शो में औरतों ने कैट वॉक में चेहरा दिखाते हुये पूरी नजाकत के साथ भाग लिया। वक्त बदल रहा है।   

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